राजस्थान के जोधपुर स्थित सूरसागर थाना क्षेत्र में शुक्रवार, 21 जून 2024 को, ईदगाह के गेट को निकालने के विवाद में हिंसा भड़क गई। विवाद के बाद आगजनी और पत्थरबाजी हुई, जिससे पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। पुलिस ने 40 आरोपियों को हिरासत में लिया है। हिंसा में पुलिसकर्मी भी घायल हुए और एक जीप क्षतिग्रस्त हो गई। स्थिति को काबू में करने के लिए इलाके में धारा-144 लागू कर दी गई है।
जोधपुर के सूरसागर थाना क्षेत्र में ईदगाह के गेट को निकालने के विवाद ने शुक्रवार की रात को हिंसक रूप ले लिया। ईदगाह के मुख्य दरवाजे के पास स्थित दुकानों को लेकर विवाद दो दिन पहले शुरू हुआ था, जब ईदगाह के पीछे की दीवार से दो दरवाजों को निकालने का काम शुरू किया गया। बस्ती में रहने वाले कुछ लोगों ने इसका विरोध किया, जिसके चलते दो बार हिंदू-मुस्लिम विवाद हुआ। हालांकि, पुलिस की पहल से मामला शांत हो गया था, लेकिन शुक्रवार को विवाद फिर से बढ़ गया और हिंसा में परिवर्तित हो गया।
पुलिसकर्मियों पर भी हमला :
शुक्रवार रात 10 बजे, ईदगाह के गेट को निकालने को लेकर विवाद ने उग्र रूप ले लिया। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर हमला बोल दिया, जिसमें पत्थरबाजी और आगजनी शामिल थी। दुकानों और एक ट्रैक्टर को आग लगा दी गई। हिंसा के दौरान पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया गया, जिसमें चौपसानी हाऊसिंग बोर्ड थाने के SHO नितिन दवे भी घायल हो गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए।
पुलिस की कार्रवाई :
हिंसा के बाद, पुलिस ने 40 आरोपियों को हिरासत में लिया। आरोपियों को पकड़ने के दौरान पुलिस को विरोध का भी सामना करना पड़ा। पुलिस ने लोगों को निर्देश दिया कि वे फिलहाल घरों से बाहर न निकलें। प्रतापनगर सर्किल थाना क्षेत्र में धारा-144 लागू कर दी गई है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। इसके साथ ही, कई थानों की पुलिस को भी तैनात कर दिया गया है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया :
सूरसागर के विधायक देवेंद्र जोशी और नगर MLA अतुल भंसाली ने मौके का दौरा किया और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को स्थिति से अवगत कराया। प्रशासन ने हिंसा पर कड़ी नजर बनाए रखने और शांति बहाल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं।
भविष्य की रणनीति :
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें और किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। पुलिस ने दोनों पक्षों से एक-एक FIR दर्ज की है और मामले की जांच शुरू कर दी है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन ने बस्ती में सामुदायिक संवाद और शांति बैठकों का आयोजन करने का निर्णय लिया है।