प्रदेश में महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के लिए अब ”कालिका” अवतार लेगी. दरअसल राज्य सरकार में सार्वजनिक और भीड़भाड़ वाले इलाकों में महिला-बालिका सुरक्षा के लिए कालिका पेट्रोलिंग यूनिट गठित करने जा रही है. पुलिस मुख्यालय से कालिका पेट्रोलिंग यूनिट के गठन प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है. परीक्षण के बाद वित्त विभाग और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंजूरी मिलते ही यूनिट का गठन कर दिया जाएगा.
महिला अपराध में देश में अव्वल
पिछले कुछ सालों में राजस्थान महिला अपराध में देश में अव्वल स्थान पर आ गया.सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं और बालिकाओं से छेड़छाड़, चैन स्नेचिंग सहित अन्य मामले बढ़ गए थे. भाजपा ने महिला और बालिकाओं के साथ हो रहे अपराधाें को अपना मुद्दा बनाया. इतना ही नहीं पार्टी की ओर से जारी संकल्प घोषणा पत्र में इस मामले को प्रमुखता से लिया. राज्य सरकार ने भी बीजेपी के चुनावी घोषण जन संकल्प पत्र को नीतिगत दस्तावेज का दर्जा दे दिया. इस कड़ी में महिलाओं को बालिकाओं को भय मुक्त करने के लिए कालिका महिला पेट्रोलिंग यूनिट के गठन की बात कही. इसी क्रम में पुलिस मुख्यालय के एडीजी सिविल राइट्स की ओर से इनका प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है.
500 कालिका पेट्रोलिंग यूनिट का गठन
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विधानसभा में राज्यपाल अभिभाषण के जवाब में कहा था कि राज्य में महिला और बालिकाओं की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है सरकार. इनकी सुरक्षा के लिए हर कदम उठाया जाएगा. इसके अलावा भी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी सहित तमाम नेता महिला सुरक्षा को लेकर व्यापक इंतजाम करने की बात कहते आ रहे हैं. इधर मुख्यमंत्री के विधानसभा में जवाब के दूसरे दिन ही पुलिस मुख्यालय की ओर से राज्य सरकार को कालिका पेट्रोलिंग यूनिट के गठन का प्रस्ताव भेज दिया.
कालिका पेट्रोलिंग यूनिट
मुख्यरूप से स्कूल, कॉलेज, बाजार, धार्मिक स्थल, मॉल, पार्क, बसों जैसे सार्वजनिक स्थानों, भीड भाड वाले स्थान एवं अन्य संवेदनशील स्थलों पर बच्चियों एवं महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़, छींटाकशी, चैन स्नैचिंग और अन्य अप्रिय घटनाओं की प्रभावी रोकथाम करेगी. कालिका पेट्रोलिंग यूनिट स्कूटी से भीड़भाड़ वाले स्थानों पर गश्त करेगी. साथ ही ऐसे अपराध करने वाले असामाजिक तत्वों पर निगरानी रखकर उनके खिलाफ धरपकड़ की कार्रवाई करेगी.